मैंनुअल नर्व थैरैपी, जो है बाकी थैरैपियोँ से भिन्न

हरिद्वार के डॉ. हेमंत जयसिंह (UNIV GOLD MEDALIST /UNIV TOPPER) जो की “रूमैटोलोजिस्ट, पिडिएट्रिक न्यूट्रिश्निस्ट और फाऊंडर औफ नर्व थैरैपी” पर कार्यरत हैँ । उन्होँने नसोँ का ग्यान रखते हुए मैंनुअल नर्वे थैरैपी विक्सित कि है जो कि बाकी थैरैपियोँ जैसे एक्यूप्रेशर, फिजियोथेरेपी, एक्यूपंक्चर, मर्म चिकित्सा और काइरोप्रैक्टिक जैसे पारंपरिक उपचारों से भिन्न है। नर्व थैरैपी में भिन्न नसेँ जैसे वेगस नर्व, पुडेंडल नर्व, कोक्लियर नर्व और कैल्केनियल नर्व आदि नसों को स्टिमुलस दिया जाता है । डॉ. जयसिंह की तकनीक प्रत्येक रोगी की स्थिति के अनुरूप मुख्य रूप से अंगूठे और तर्जनी उँगली का उपयोग करके नसोँ और हड्डी को दबाने पर निर्भर करती है।

इस तक्नीक के लिए डा हेमंत जयसिँघ को भारत सरकार से कापीराईट भी प्राप्त हुआ है और इसके लिए उन्हेँ भारत सरकार से भारत चिकित्सा पुरसकार, राष्टीय गौरव अवार्ड ईंटर्नैशलनल आईकन अवार्ड, ईंडियन एचीवर अवार्ड, टौप 100 सिटीजन्स अवार्ड भी मिला है।

*उदहारण के तौर पर ‘एवीएन (एवैस्कुलर नेक्रोसिस) से पीड़ित मरीज’ का इलाज पेल्विक क्षेत्र के माध्यम से पुडेंडल तंत्रिका, टखने के अंदरूनी हिस्से में कैल्केनियल तंत्रिका में मैनूअली स्टीमुलस करके किया जाएगा।

* ‘आर्थराइटिस या घुटने मेँ गैप से पीड़ित मरीज’ का इलाज लिगामेंट्स यानी एसीएल, पीसीएल, एमसीएल और एसीएल के माध्यम से आवेग प्रदान करके किया जाएगा।

* ‘लॉर्डोसिस या स्कोलियोसिस’ या स्पोंडिलिटिस वाले मरीज का इलाज एल1 से एल5 और एस1 तंत्रिका जड़ तक धीरे से दबाकर किया जाएगा।

* ‘ऑटिज्म से पीड़ित मरीज’ का इलाज डोरसल क्षेत्र और फोरामेन मैग्नम के माध्यम से मैनूअली स्टीमुलस प्रदान करके किया जाता है।

इस तरह अंगूठे और तर्जनी उंगली से मैनूअली स्टीमुलस करके कई विकारों को रोका जा सकता है।

 

यह दृष्टिकोण, वैकल्पिक चिकित्सा में एक नए युग की शुरुआत करता है, एमएनडी, ऑटिज्म, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, डिस्क उभार , ऑस्टियोआर्थराइटिस, सर्वाईकल सहित विकारों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए एक गैर-औषधीय समाधान प्रदान करता है।

 

शिक्षा : PGDCR (CLINICAL RESEARCH), CMS & ED ALLOPATHY, PGCPDN (PEDIATRIC NUTRITION), CPCS-IN RHEUMATOLOGY & PEDIATRICS (SPECIALISATION CERTIFICATE AFTER MEDICAL INTERNSHIP), B PHARM

कौंटेक्ट न. 9557649426, 9897182532